Skip to main content

Prithvi Mudra in Hindi – Steps and Benefits पृथ्वी मुद्रा विधि, लाभ और सावधानियां

 पृथ्वी मुद्रा क्या है :- 

पृथ्वी मुद्रा को अंग्रेजी में Gesture of the Earth कहा जाता है। इसका दूसरा नाम अग्नि शामक मुद्रा है। इसके द्वारा मनुष्य अपने भौतिक अंतरत्व में पृथ्वी तत्व को जाग्रत करता है और शरीर में बढ़ने वाले अग्नि तत्व को घटाने में मदद करता है। जब इस मुद्रा को किया जाता है तब पृथ्वी तत्व बढ़कर सम हो जाते हैं। इस मुद्रा के अभ्यास से नए घटक बनते है। मनुष्य शरीर में दो नाड़ियाँ होती है सूर्य नाड़ी और चन्द्र नाड़ी। जब पृथ्वी मुद्रा की जाती है तो अनामिका अर्थात सूर्य अंगुली पर दबाव पड़ता है जिससे सूर्य नाड़ी और स्वर को सक्रीय होने में सहयोग मिलता है।


सगाई वाली उंगुली पृथ्वी तत्व का प्रतीक है। पृथ्वी तत्व हमें स्थूलता , स्थायित्व देता है। इससे पृथ्वी तत्व बढ़ता है। सगाई वाली उंगुली सभी विटामिनों एवं प्राण शक्ति का केंद्र मानी जाती है। सगाई वाली उंगुली हर समय तेजस्वी विद्दुत प्रवाह करती है और साथ ही अंगूठा भी। सगाई वाली उंगुली द्वारा ही हम तिलक लगाते हैं। पूजा अर्चना करते हैं और शादी में अंगूठी पहनते हैं।


पृथ्वी मुद्रा करने की विधि :- 

Prithivi mudra, simberi.blogspot.com,simberi.in,simberi.com

1- सबसे पहले आप पद्मासन या सुखासन की स्तिथि में बैठ जाएं।

2- अब अपने दोनों हाथों को अपने घुटनों पर रख लें।

3- अब अपनी अब तर्जनी ऊँगली या छोटी ऊँगली को मोड़कर अपने अंगूठे के अग्रभाग से स्पर्श कर दबाएं। बाकी अपनी तीनो उंगलियों को ऊपर की ओर सीधा तान कर रखें।

4- 10-15 मिनट के लिए इसी मुद्रा में बैठें, और धीरे-धीरे श्वास लेते रहें।

5- मन से सारे विचार निकालकर मन को केवल ॐ पर केन्द्रित करना हैं।


मुद्रा करने का समय  :-

इसे हर रोज़ 30-40 मिनट तक करें। इसका अभ्यास हर रोज़ करेंगे तो आपको अच्छे परिणाम मिलेंगे। सुबह के समय और शाम के समय यह मुद्रा का अभ्यास करना अधिक फलदायी होता हैं|



पृथ्वी मुद्रा के लाभ :-

1. शरीर के अस्थि संस्थान एवं मांसपेशियों को यह मजबूत बनाती है। अत: दुर्बल कमजोर बच्चों , स्त्रियों और व्यक्तियों के लिए पृथ्वी मुद्रा बहुत ही लाभकारी है। कमजोर लोगों का वजन बढाती है।


2. शरीर में विटामिनों की कमी को दूर करती है , जिसमें हमारी ऊर्जा बढती है और चेहरे पर चमक आती है।


3. पृथ्वी मुद्रा से जीवन शक्ति का विस्तार होता है। काया सुडोल होती है। कद व वजन बढ़ाने में सहायक है। बढ़ते हुए कमजोर बच्चों के लिए तो अत्यन्त लाभदायक है।


4. शरीर में स्फूर्ति , कान्ति और तेजस्व बढ़ता है।


5. इस मुद्रा से आंतरिक प्रसन्नता का आभास होता है । उदारता, विचारशीलता, लक्ष्य को विशाल बनाकर प्रसन्नता प्रदान करती है।


6. आंतरिक सूक्ष्म तत्वों में सार्थक प्रवाह लाती है। संकीर्णता गिराकर हमें उदार बनाती है। अत: आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करती है।


7. इस मुद्रा से पाचन शक्ति ठीक होती है। जिन लोगों की पाचन शक्ति कमजोर होती है, वे सदैव कमजोर व् थके हुए लगते हैं। कई बच्चे भोजन तो खूब करते हैं फिर भी दुबले-पतले ही रहते हैं-ऐसे बच्चों यह मुद्रा लगाएं तो बहुत लाभ होगा।


8. शरीर की उर्जा शक्ति के बढ़ने से मस्तिष्क भी अधिक क्रियाशील होता है-कार्य क्षमता बढती है।


9. . पृथ्वी मुद्रा सर्दी जुकाम से भी बचाती है।


10. अंगूठे  की भांति अनामिका उंगली में भी विशेष विद्युत् प्रवाह होता है, इसलिए इस उंगली से माथे पर तिलक किया जाता है।


11. इस मुद्रा के निरंतर प्रयोग से आपके संकुचित विचारों में महत्वपूर्ण परिवर्तन आने लगेगा । आपके विचारों के साथ-साथ प्रखरता और तत्व गुणों का भी विस्तार होगा।


12. इस मुद्रा का दीर्घ काल तक अभ्यास करने में शरीर में चमत्कारी प्रभाव होगा। नया जोश , नयी स्फूर्ति, आनन्द का उदय और रोम-रोम में ओज-तेज का संचार होगा।


13. पृथ्वी तत्व का संबंध मूलाधार चक्र से है। अत: पृथ्वी मुद्रा से मूलाधार चक्र सक्रिय होता है और इससे जुड़े अंग सबल होते हैं । प्रोस्टेट ग्रन्थि का शोथ समाप्त होता है। हर्निया ठीक होता है तथा यह मुद्रा बालों, नाखुनों के लिए भी लाभकारी है।


14. जो बच्चे Hyperactive होते हैं,उनमें पृथ्वी तत्व की कमी होती है,और आकाश तत्व ज्यादा। उन्हें एक साथ शुन्य मुद्रा और पृथ्वी मुद्रा करनी चाहिए।


15. विटामिनों / खनिजों की आपूर्ति से बाल स्वस्थ होते हैं। बालों का झड़ना बंद होता है और बाल सफ़ेद नहीं होते हैं।


16. हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए यह मुद्रा बहुत लाभकारी है।


17. आत्मविश्वास की कमी को दूर करता है।


18. यह मुद्रा शरीर में घटकों के अनुपात को बनाये रखती है।


19. यह मुद्रा तनाव मुक्त करती है।


20. चेहरे की त्वचा साफ और चमकदार बनती है।


21. पृथ्वी मुद्रा शरीर को आंतरिक मजबूत और स्मरण शक्ति को बढाता है।


22. यह एक फायदेमंद Yoga Mudra for Weight Loss है। इसकी मदद से वजन कम किया जा सकता है।


23. यह मुद्रा शरीर को स्वस्थ्‍य बनाए रखने में मदद करती है।


24. पृथ्वी मुद्रा करने से कंठ सुरीला हो जाता है।


25. यह एकाग्रता बढाने में सहायक है।


26. मुंह और पेट में अल्सर आदि से निजात मिलती है।


पृथ्वी मुद्रा करते समय रखे सावधानियाँ 


पृथ्वी मुद्रा करते समय पद्मासन में बैठकर अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। पहले प्रतिदिन 10-15 मिनट इस मुद्रा को करें, कुछ दिन पश्चात् समयावधि बढ़ा दें। अगर आपको कफ़ दोष है तो इस मुद्रा को अधिक समय के लिए न करें। यह मुद्रा खाली पेट करनी चाहिए।




Comments

Popular posts from this blog

नया जीएसटी शुल्क: भारत की नई कर व्यवस्था

  नया जीएसटी शुल्क: भारत की नई कर व्यवस्था भारत में नया जीएसटी (जीएसटी) शुल्क का उदय होने के बाद, व्यापार और व्यावसायिक संस्थानों के लिए एक नई कर व्यवस्था का परिचय मिल रहा है। जीएसटी एक एकल वास्तविक कर व्यवस्था है जो राज्य कर और संघ कर को एकीकृत करती है। इसका मुख्य उद्देश्य व्यापार को सरल और अधिक व्यवसायकारी बनाना है। जीएसटी के फायदे: सरलीकरण: जीएसटी ने अनेक राज्य करों को एकीकृत कर दिया है, जिससे व्यापार को सरल और अधिक व्यवसायकारी बनाया गया है। व्यापार की वृद्धि: जीएसटी ने व्यापार को आकर्षित किया है और नई नीतियों के कारण व्यापार की गति बढ़ी है। कर राजस्व: जीएसटी ने कर राजस्व को बढ़ाने में भी योगदान दिया है। जीएसटी के चुनौतियां: जटिलता: जीएसटी के नियम और विनियमन के कारण कुछ व्यापारियों को जटिलता का सामना करना पड़ा है। आर्थिक अस्थिरता: जीएसटी के लिए नई नीतियां और अनुभागों का अनुसन्धान करना आर्थिक अस्थिरता का कारण बन सकता है। जीएसटी भारत के व्यापार और अर्थव्यवस्था के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके साथ-साथ चुनौतियां भी हैं, जिन्हें समय के साथ सुलझाया जा रहा है।

Selective politics in India

   चयनात्मक प्रदर्शन मनोविज्ञान के अंदर एक सिद्धांत है,जिसे अक्सर मीडिया और संचार अनुसंधान में प्रयोग किया जाता है।     यह ऐसे लोगों की प्रवृत्ति को प्रदर्शित करता है। जो विरोधाभासी जानकारी से बचते हुए, अपने पहले से मौजूद विचारों को व्यक्त करते है।     अगर भारत के संदर्भ में बात करें,तो भारत में लगभग हर राजनीतिक दल कहीं ना कहीं सिलेक्टिव पॉलिटिक्स का सहारा लेती है। चाहे वह कांग्रेस पार्टी हो या वाम दल हो या फिर भाजपा हो, लेकिन इन सभी दलों के सिलेक्टिव पॉलिटिक्स से थोड़ा अलग सिलेक्टिव पॉलिटिक्स सिस्टम भाजपा का है, जहां आकर सभी दूसरे राजनीतिक दल सियासी मात खा जाते हैं।  भारतीय राजनीति में सिलेक्टिव पॉलिटिक्स शब्द को एक गर्म राजनीतिक बहस के केंद्र में लाने का श्रेय भी भाजपा को जाता है।  विगत कुछ वर्षों में  जब से भाजपा सत्ता में आई है, कई अहम राजनीतिक फैसलों के समय यह बहस के केंद्र में आ जाता है।  कश्मीर से धारा 370 हटाने के क्रम में कश्मीर के पूर्व सीएम फारुख अब्दुल्ला को नज़रबंद किया गया तो क...

क्या पीएम मोदी तानाशाह हैं ?

  पिछले कुछ समय से भारतीय राजनीतिक दल, नेता, पत्रकार और कुछ राजनीतिक विश्लेषक एक वाक्य गढ़ रहे हैं " पीएम मोदी तानाशाह हैं" प्रधानमंत्री   नरेंद्र   मोदी   तानाशाह   हैं   या   नहीं , यह   विचार   का   विषय   है।   बड़ी संख्या में लोग ऐसा सोचते है   कि   वह   एक   मजबूत   नेता   हैं   जो   भारत   के   सर्वोत्तम   हित   में   कठोर   निर्णय   ले   रहे   हैं , जबकि   अन्य   लोगों   का   मानना   ​​ है   कि   वह   तेजी   से   सत्तावादी   होते   जा   रहे   हैं   और   असहमति   को   दबा   रहे   हैं। मेरी   राय   में   पीएम   मोदी   एक   तानाशाह   हैं   यह   उनके   लिए   इस्तेमाल   किया   जाने   वाला   सही   शब्द   नहीं   है   क्योंकि   तानाशाह   शब्द ...