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भारतीय सेना का टूर ऑफ ड्यूटी प्लान / Indian Army Tour of Duty Plan

जानें क्या है भारतीय सेना का टूर ऑफ ड्यूटी प्लान

इंडियन आर्मी में 3 साल के लिए आम लोगों की भर्ती हो सकेगी  टूर आफ ड्यूटी के नियम आने के बाद से  ।                                      

अगर आपमें इंडियन आर्मी में जाकर देश की सेवा करने का जज्बा है तो यकीन मानिए आपके मन की मुराद पूरी होने वाली है। आर्मी ने आम लोगों को ट्रेनिंग देने का प्लान तैयार किया है। भारतीय सेना एक ऐसे प्रपोजल पर काम कर रही है जिसके मुताबिक आम युवा लोग तीन साल के लिए आर्मी में शामिल हो सकते हैं। 

इस योजना को टूर ऑफ ड्यूटी ( Tour of Duty - ToD ) का नाम दिया गया है। ToD मॉडल पहले से चले आ रहे शॉर्ट सर्विस कमिशन जैसा होगा जिसके तहत वह युवाओं को 10 से 14 साल के आरंभिक कार्यकाल के लिए भर्ती करती है। अगर इस प्रपोजल को मंजूरी मिलती है तो सेना इसे लागू कर सकती है।

सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, सेना आम नागरिकों को तीन साल की अवधि के लिए बल में शामिल करने के ‘टूर ऑफ ड्यूटी' के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। सेना प्रतिभाशाली युवाओं को आकर्षित करने के लिए अनेक प्रयास करती रहती है। योजना के जरिए वे युवा भी सेना में शामिल हो सकेंगे।


सेलेक्शन का तरीका अभी जैसा रहेगा


हालांकि टीओडी मॉडल में अनिवार्य सैनिक सेवा जैसा नियम नहीं होगा। भारतीय सेना प्रवक्ता अमन आनंद ने कहा अगर प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो यह सिस्टम पूरी तरह स्वैच्छिक होगा। इसमें सेलेक्शन प्रक्रिया के नियमों को कम नहीं किया जाएगा। आर्मी क्वॉलिटी से कोई समझौता नहीं करेगी। यानी शॉर्ट सर्विस कमिशन के लिए जिस तरह से लिखित परीक्षा व इंटरव्यू लिए जाते हैं, इसके लिए भी इसी तरह की भर्ती प्रक्रिया होगी।

एक अधिकारी ने बताया कि सेना शुरुआत में ट्रायल बेसिस पर अफसर और अन्य रैंक के अधिकारियों व जवानों की सीमित वैकेंसी निकाल सकती है। इसमें मिलिट्री ट्रेनिंग के बाद एक इंटर्नशिप अनिवार्य होगी।

एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'यह प्रस्ताव सशस्त्र बलों में परमानेंट कमिशन के कॉन्सेप्ट से अलग तीन वर्षों के लिए 'इंटर्नशिप' की अवधारणा है। इसके जरिए आम युवाओं को मिलिट्री लाइफ का अस्थायी अनुभव दिया जाएगा।"

सेना को क्या फायदे होगा इसके



बताया जा रहा है कि इस टूर ऑफ ड्यूटी मॉडल (टीओडी) से न सिर्फ सेना में युवाओं की संख्या बढ़ेगी बल्कि सेना को पैसों की बचत होगी। उसे ग्रेज्युटी व पेंशन नहीं देनी पड़ेगी। 
शॉर्ट सर्विस कमिशन के जरिए सेना में भर्ती हुए अफसरों को रिलीज करने तक प्री-कमीशन ट्रेनिंग, वेतन व अन्य खर्च के तौर पर 10 साल में 5.12 करोड़ व 14 वर्ष के लिए 6.83 करोड़ खर्च करने पड़ते हैं। जबकि तीन साल के लिए शामिल हुए लोगों पर सिर्फ 80 से 85 लाख का खर्च आएगा। 

कॉरपोरेट जगत में मौके

इसके अलावा टीओडी चुनकर तीन साल सेना में सेवाएं देने के बाद लोगों के लिए कॉर्पोरेट वर्ल्ड में भी नए अवसर खुलेंगे। प्राइवेट कंपनियां सिक्योरिटी सर्विसेज में सामान्य ग्रेजुएट्स की बजाय उन लोगों को अच्छी सैलरी वाली नौकरियां देती हैं जो आर्मी से ट्रेंड होते हैं।

प्रस्ताव में कहा गया है- 'यह ऐसे लोगों के लिए शानदार अवसर है जो पूरी जिंदगी के लिए सैन्य सेवाओं में नहीं जाना चाहते थे, लेकिन आर्मी लाइफ का अनुभव लेना उनका सपना होता है।'





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