वर्ल्ड बैंक और आईएमएफ ने अपनी एक रिपोर्ट में यह कहा है कि अगर दुनिया कोरोना महामारी पर जल्दी नियंत्रण नहीं कर पाती है तो दुनिया के गरीब देश, विकासशील और विकसित देश भयंकर आर्थिक मंदी का शिकार हो जाएगा।
क्या पहले भी ऐसा हो चुका है। जी हां आज से 90 साल पहले भी बिल्कुल ऐसा हो चुका है उस समय भी आज की तरह पूरी दुनिया में ऐसा ही महामारी पूरी दुनिया में छाई हुई थी जिसके बाद आया था great depression जिसके कारण लाखों नौकरियां चली गई।
Great Depression क्या है
20 वीं सदी का शुरुआती साल दुनिया के लिए काफी मुश्किल भरे 1914 से 1918 के बीच वर्ल्ड वर 1 हुआ इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली परंतु 1918 में फ्लु महामारी फैल गई ।
इस बीमारी को स्पेनिश फ्लू के नाम से मशहूर हुए, इस महामारी में करीब 5 करोड़ लोगों की जान ली कहा जाता है फ्लू ने भारत में भी 1.5 करोड़ लोगों की जाली तथा यूरोप के एक तिहाई आदि इस की भेंट चढ़ गई इन दोनों घटनाओं का व्यापक असर हुआ
लेकिन 1920 का दशक अमेरिकी लोगों के लिए स्मृद्धि लेकर आया 1920 से 1929 के बीच देश की संपत्ति दुगनी हो गई, पहली बार लोग गांव में कम और शहरों में ज्यादा रहने लगे, पूंजीवाद का उत्थान हुआ, देशभर में चैन स्टोर खुला, लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ रही थी, लोगों का जीने का तरीका बदल रहा था, चाहे वह कपड़ा हो किचन का सामान हो या मोटर कार, पर इतना खरीदने के लिए लोगों के पास पैसे कहां से आ रहे थे।
दरअसल अमेरिकी बैंक ने लोगों को लोन देना शुरू कर दिया था ,लोगों के लिए यह एक करिश्मा से कम नहीं था। एक दूसरा करिश्मा था स्टॉक मार्केट में पैसा लगाओ इंतजार करो और ज्यादा पैसा पाओ देश के सारे लोग चाहे वह नौकरी पेशा हो या सफाई कर्मचारी सभी स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने लगे।
अगस्त 29 में शेयर मार्केट बढ़ता चला गया और शिखर पर पहुंच गया, इस खुशहाली के बाद आया मंदी का दौर अगस्त 1929 तक बैंकों पर कर्ज इतना बढ़ गया कि उनसे चुकाना मुश्किल होने लगा बैंक कंगाल हो गए। अब लोगों की खरीदने की क्षमता घट गई, बाजारों में सामान नहीं बिक रहा था, उत्पादन घटने लगा, बेरोजगारी बढ़ने लगी, महंगाई बढ़ने लगने लगी अक्टूबर में लोगों ने घबराहट में शेयर बेचना शुरू कर दिया, जिसके कारण शेयर मार्केट क्रॉस कर गया।
हाल ये हो गया था कि जिनके पास रोजगार था उनका वेतन आधा हो गया, किसान बेहाल हो गए, हजारों बैंक बंद हो गए, भुखमरी और बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई।
ऐसे माहौल में पूरी दुनिया में दक्षिणपंथी विचारधारा का विस्तार हुआ जिसका नतीजा वर्ल्ड वार 2 के रूप में सामने आया था।
इसी तरह की परिस्थिति वर्तमान समय में कोरोना महामारी के कारण पूरे विश्व में छाई हुई है जिसके कारण तृतीय विश्व युद्ध होने की संभावना प्रबल होती जा रही है इसका मुख्य कारण विभिन्न देशों के बीच बनते युद्ध जैसे माहौल है।
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I think .
ReplyDeleteYes history repeats itself.