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क्या होता है मोरेटोरियम (Moratorium meaning )


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What is Moratorium Period ?

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कुछ दिन पहले प्रेस कांफ्रेस में RBI गवर्नर ने कई बड़ी घोषणाएं कीं. RBI ने एक बार फिर से  प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट में 0.40% की कमी की है, ताकि लोन सस्ते हो जाएँ. इसके साथ ही मार्च में को लोन की किश्त चुकाने में 3 महीने की छूट दी गई थी, उसे 3 महीने के लिए और आगे बढ़ा दी है।

अपनी Press Conference में RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, "कोविड-19 के चलते लॉकडाउन की अवधि बढ़ने से हमने एसएमई के लिए लोन पर तीन महीने के और मोरेटोरियम की घोषणा की है" ।

अब ऐसे में चारों ओर केंद्र की इस घोषणा में आपको एक ही शब्द सुनाई दे रहा होगा 'Moratorium Period' या फिर  हिंदी में कहें तो 'मोरेटोरियम अवधि'. यह शब्द आपमें से कुछ लोगों को पता होगा, तो बहुतों के लिए यह शब्द या कहें Term नया होगा ।

मोरोटोरियम (moratorium) का मतलब होता है कि इस अवधि में कर्जधारक को मासिक किस्त चुकाने की आवश्यकता नहीं है. इससे नकदी संकट का सामना कर रहे ऋणधारकों को आसानी हो सकती है. रिजर्व बैंक ने क्रेडिट की जानकारी रखने वाली कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किस्त नहीं चुकाने का असर ऋणधारक के क्रेडिट स्कोर पर ना पड़े  ।

अब और आसान शब्दों में बतायें, तो मोरेटोरियम उस अवधि को कहते हैं जिस दौरान आपको लिए गए कर्ज पर EMI का भुगतान नहीं करना पड़ता है. इस अवधि को ईएमआई हॉलीडे के रूप में भी जाना जाता है. हालांकि यह सिर्फ ईएमआई टालने का विकल्प है. ऐसा नहीं है कि आपकी ईएमआई से ये 6 किस्तें कम दी जाएंगी ।

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की प्रेस कांफ्रेस से मिडिल क्लास को क्या होगा फ़ायदा

आरबीआई ने Middle Class को दोहरा तोहफा दिया है. रेपो रेट में 40 अंकों की कमी आने का मतलब है कि अब लोन भी सस्ती दरों पर मिलेगा. और फिर इस तीन महीने के मोरेटोरियम पीरियड को जून से अगस्त करने यानी तीन महीने आगे बढ़ाने का मतलब है कि इस बढ़ी अवधि के दौरान आपके Home Loan या Car Loan के बदले अकाउंट से किसी तरह की ईएमआई नहीं काटी जाएगी. उसके बाद Normal Deduction शुरू किया जाएगा. वहीं, इस रिलैक्सेशन से आपकी Credit History पर भी कोई असर नहीं होगा. 

         
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि RBI द्वारा नीतिगत ब्याज दरों में कटौती से रिटेल लोन लेने वाले ग्राहकों को अधिक फायदा होगा. जबकि, मोरेटोरियम उन ग्राहकों को राहत देगा, जिन्हें COVID-19 की वजह से वित्तीय तौर पर परेशानी हो रही है.

कोरोना वायरस (COVID-19) की वजह से रिटेल लोन (Retail Loan) लेने वाले ग्राहकों में समय पर रिपेमेंट को लेकर कई तरह के सवाल हैं. बीते शुक्रवार को ही भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने ऐसे ग्राहकों को एक राहत की खबर दी है. उन्हें RBI द्वारा नीतिगत ब्याज दर में कटौती और 3 महीने की मोरेटोरियम से निश्चित ही इस संकट की ​घड़ी में राहत मिली होगी.

SBI  अपने ग्राहकों को देगा पूरा लाभ

भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India) ने भी RBI के ऐलान के बाद कहा कि वो रेपो लिंक्ड होम लोन में 0.75 फीसदी का पूरा लाभ ग्राहकों को देगा. एसबीआई ने कहा कि उसके इस फैसले से 30 साल के होम लोन पर प्रति लाख 52 रुपये की बचत होगी. ऐसे में अगर किसी ग्राहक ने SBI से रेपो लिंक्ड आधार पर लोन लिया है तो उनकी ईएमआई कम हो जाएगी

1 अक्टूबर 2019 के बाद से सभी बैंकों द्वारा जारी किया गया रिटेल लोन एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक होंगे,ऐसे में RBI के ऐलान के बाद बैंक इसका लाभ अपने ग्राहकों को देंगे,अगर ऐसा होता है लोन लेने वाले लोगों की EMI कम हो जाएगी. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आप अपने होम लोन का रिपेमेंट जारी रखते हैं और RBI के मोरेटोरियम पीरियड का लाभ नहीं लेते हैं तो आपको और भी फायदा हो सकता है।
नीतिगत ब्याज दर में कटौती से सभी तरह के टर्म लोन में राहत
मनीकंट्रोल ने अपनी एक रिपोर्ट में एक्सपर्ट के हवाले से लिखा है कि RBI द्वारा मोरेटोरियम के फैसले ने ब्याज दरों में कटौती की तुलना में लोगों का ध्यान अधिक खींचा है. जबकि, नीतिगत ब्याज दरो में कटौती से सभी तरह के किसी भी तरह के टर्म लोन लेने वाले ग्राहकों को लाभ मिलेगा. इसमें होम, आटो, पसर्नल और एजुकेशन से लेकर क्रेडिट कार्ड का बकाया भी शामिल है. अब आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अगर आप अपनी EMI का भुगतान करने में सक्षम है और मोरेटोरियम पीरियड (Moratorium Period) का लाभ नहीं लेते हैं तो आपको कैसे अधिक लाभ मिलेगा ।

मोरेटोरियम का लाभ नहीं लेने पर कैसे होगा आपको फायदा
लोन कंस्ल्टेंसी फर्म मॉर्टगेजवर्ल्ड के कैलकुलेशन के मुताबिक, अगर किसी ने 45 लाख रुपये का लोन लिया है, जिसे 300 महीने में पेमेंट करना है और वह मोरेटोरियम पीरियड का लाभ लेता है तो उन्में मौजूदा ब्याज दर के आधार पर पूरे अवधि के लिए 11.59 लाख रुपये के ब्याज की बचत होगी. इसके लिए उन्हें हर महीने 34,731 रुपये की ईएमआई देनी होगी. हालांकि, अगर यही व्यक्ति इन 3 महीने में अपने मोरेटोरियम पीरियड का लाभ नहीं लेता है तो उनकी कुल बचत 15.39 लाख रुपये की होगी, ऐसे में अगर आप मौजूदा समय में EMI जमा करने में सक्षम है और आप मोरेटोरियम पीरियड का लाभ नहीं लेते हैं तो आपको फायदा हो सकता है।

केंद्रीय बैंक ने यह भी साफ कर दिया है कि इन तीन महीनों के दौरान लोन पर ब्याज कैलकुलेट किया जाएगा. मोरेटोरियम का मतलब ब्याज से राहत देना नहीं है। इसका मतलब सिर्फ यह है कि अगर आपके सक्षम नहीं है तो आपको इन 3 महीनों में EMI जमा करने में राहत दी जाएगी, इसके बदले आपके कुल लोन रिपेमेंट अवधि में 3 महीने बढ़ा दिए जाएंगे।



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